Mahatma Gandhi’s Death Anniversary: महात्मा गांधी की पुण्यतिथि
आज महात्मा गांधी की बात पर भी पुण्य तिथि है आज 30 जनवरी को शहीद दिवस भी मनाया जाता है और बापू को श्रद्धांजलि दी जाती है इस दिवस पर जगह-जगह पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया जाता है शहीद दिवस मनाने का उद्देश्य यह होता है कि भारत के बहादुर जवानों के बलिदान और उनके सम्मान को याद किया जाए और उनको श्रद्धांजलि अर्पित की जाए
महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी भारत की आजादी में गांधी जी कई बार जेल भी गए थे और आज ही के दिन 30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी थी
महात्मा गांधी जी को अहिंसा का पुजारी कहा जाता है और उन्होंने हमेशा ही अहिंसा के रास्ते पर चलने का संदेश दिया है उन्होंने कहा है कि अहिसा मानव का सर्वोपरि धर्म है गांधी जी हमेशा ही अहिंसा वादी रहे हैं और दूसरों को भी ऐसा न करने की प्रेरणा का स्त्रोत बने हैं
आज के दिन भारत के राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री गांधी जी की समाधि राजघाट पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके सहयोग जो कि उन्होंने स्वतंत्रता की लडाई में दिया था उसको याद किया जाता है
गांधीजी के बारे में
महात्मा गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था शुरुआती शिक्षा उन्होंने गुजरात से ही हासिल की और मुंबई यूनिवर्सिटी से प्राप्त की इसके बाद गांधीजी वकालत की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए
1893 में गांधीजी दक्षिण अफ्रीका गए वहां उन्होंने भारतीयों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को देखा और खुद भी उस भेदभाव का शिकार हुए इसके बाद 1916 में भारत लौटे और अपना सारा जीवन भारत की आजादी को समर्पित कर दिया
आजादी की लड़ाई में सबसे पहला संग्राम चंपारण आंदोलन था जो कि 1918 में शुरू किया गया था इसके बाद 1920 मैं अहिंसा की घटना ने उस आंदोलन को असफल कर दिया और गांधीजी ने उस आंदोलन को वापस लेने की घोषणा कर दी
1930 में गांधी जी ने दांडी यात्रा शुरू की जिसको कि सविनय अवज्ञा आंदोलन के नाम से जाना जाता है इसके बाद गांधीजी ने 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन चलाया यह आंदोलन उनके जीवन का सबसे बड़ा और सबसे सफल आंदोलन भी कहा जाता है
गांधीजी के विचार
- आज उनकी पुण्यतिथि पर हम गांधीजी के विचारों को याद करेंगे जो कि आज भी देश के हर नागरिक के दिल में समाए हुए हैं
- व्यक्ति अपने विचारों के अलावा कुछ भी नहीं है
- सब कुछ ठीक करने के लिए हमेशा विचारों शब्दों और कर्म के पूर्ण मेलजोल से लक्ष्य तय करें
- आपको जब खुशी मिलेगी जब आप जो सोचते हैं कहते हैं और करते हैं उसमें मेलजोल बना रहेगा
- कमजोर व्यक्ति कभी भी सामान नहीं करता केवल ताकतवर ही शमा कर सकता है
- मौन रहना सबसे मजबूत भाषण है धीरे-धीरे सब आपको सुनने के लिए उत्सुक होंगे
- जब तक गलती करने की आजादी ना हो तब तक आजादी का कोई अर्थ नहीं होता